
घर पर लगाएं यह 5 पौधे, और डेंगू-मलेरिया वाले मच्छरों की छुट्टी करें
बारिश का मौसम शुरू होते ही डेंगू, मलेरिया के मच्छर अपना प्रकोप फैलाने लगते हैं. मच्छर के काटने से डेंगू, दिमागी बुखार और मलेरिया जैसे घातक रोग होने का खतरा बना रहता है.
ऐसे में जरूरत है, खून पीने वाले इन दुश्मनों से समय रहते निपटने की. आइए आज आपको बताते हैं 5 ऐसे पौधों के बारे में जो आपकी बालकनी की खूबसूरती बनाए रखने के साथ-साथ मच्छरों को भी घर से दूर रखेंगे.

सिट्रोनेला ग्रास भी मच्छरों को दूर रखने का एक अच्छा तरीका है. इस ग्रास से निकलने वाला सिट्रोनेला ऑयल मोमबत्ती, परफ्यूम, लैम्प्स आदि हर्बल प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाता है.खास बात यह है कि सिट्रोनेला ग्रास डेंगू (Dengue fever) और मलेरिया पैदा करने वाले मच्छरों को भी आपसे दूर रखने में मदद करती है.

पीले रंग के गेंदे के फूल न सिर्फ आपकी बालकनी की शोभा बढ़ाते हैं बल्कि इसकी सुगंध से मक्खी- मच्छर भी घर से दूर रहते हैं. बहुत कम ही लोग इस बात को जानते हैं कि गेंदे का पौधा दो प्रकार का होता है- अफ्रीकन और फ्रेंच. बता दें, ये दोनों पौधे ही मॉस्किटो रिप्लीयन्ट हैं. गेंदे का फूल पीले से डार्क ऑरेंज और लाल रंग का हो सकता है.

घर में रोजाना आप जिस तुलसी (Tulsi) के पौधे की पूजा करते हैं वह भी मॉस्किटो रिप्लीयन्ट की तरह काम करता है. आपकी सेहत से लेकर मच्छरों को दूर भगाने तक तुलसी बेहद लाभदायक है. मच्छरों को घर से दूर रखने के लिए एक गमले में तुलसी का पौधा लगाकर रखें.

लैवेंडर के पौधे को मच्छरों का दुश्मन माना जाता है. बाजार में मिलने वाले हानिकारक मॉस्किटो रिप्लीयन्ट त्वचा और सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं. लेकिन मच्छरों को खुद से दूर रखने के लिए इस पौधे का इस्तेमाल सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है. केमिकल फ्री मॉस्किटो सोल्युशन बनाने के लिए लैवेंडर ऑयल को पानी में मिलाकर सीधे स्किन पर भी लगाया जा सकता है.

रोजमेरी फूल का रंग नीला होता है. यह भी गेंदे और लैवेंडर की ही तरह अपने आप में एक प्राकृतिक मॉस्किटो रिप्लीयन्ट है. मच्छरों से बचने के लिए रोजमेरी मॉस्किटो रिप्लीयन्ट की 4 बूंदों को 1 चौथाई जैतून के तेल के साथ मिलकर त्वचा पर लगाएं.