पाकिस्तान आतंकी संगठनों की फंडिंग रोकने में नाकाम ,FATF की ग्रे लिस्ट में बना रहेगा
लश्कर-ए-तैयबा का सरगना हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर। जून 2018 में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था

- पाकिस्तान ने एफएटीएफ की ब्लैकलिस्ट से बचने के लिए दिखावे की मामूली कार्रवाई की, मसूद अजहर जैसे कई आतंकियों पर कार्रवाई नहीं की
- एक अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अभी भी आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है
वॉशिंगटन. ग्लोबल टेरर फाइनेंसिंग पर नजर रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने कहा है कि पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों की फंडिंग रोकने में नाकाम रहा है। एफएटीएफ ने फैसला किया है कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बनाए रखा जाएगा।
इससे पहले बुधवार को एक अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अभी भी आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने आतंकियों की फंडिंग रोकने का दिखावा करते हुए बहुत मामूली कदम उठाए हैं। इसमें कहा गया है कि भारत में पुलवामा अटैक के बाद पाकिस्तान घबरा गया और भारत में बड़े हमले करवाने से बच रहा है।
ब्लैकलिस्ट होने पर पाकिस्तान की बढ़ेंगी मुश्किलें
बता दें यदि पाकिस्तान को अक्टूबर की समीक्षा के बाद ब्लैकलिस्ट कर दिया जाता तो आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक, यूरोपीय संघ जैसे बहुपक्षीय कर्जदाता पाकिस्तान की ग्रेडिंग कम कर देते जिससे किसी भी देश से कर्ज़ लेने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता. जून 2018 से ग्रे लिस्ट में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 27 मुद्दों पर आतंक के खिलाफ कर्रवाई करने के लिए कहा था. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान इनमें से 25 मुद्दों पर कार्रवाई करने में नाकाम रहा. इसमें आतंकी संगठनों की ओर से चलाए जा रहे मदरसे, एनजीओ और दूसरी सेवाओं को दी जा रही मदद का मामला मुख्य है.
एफएटीएफ के एक्शन प्लान पर कोई कार्रवाई नहीं की
जून 2018 में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था। इसके साथ ही आतंकियों की फंडिंग रोकने के लिए पाकिस्तान को एक एक्शन प्लान दिया था। सितंबर 2019 तक एक्शन प्लान पर काम करना था। अक्टूबर 2019 में एफएटीएफ ने जब दोबारा समीक्षा की तो गंभीर खामियां सामने आई थीं। एफएटीएफ ने ब्लैकलिस्ट में डालने की चेतावनी देते हुए फरवरी 2020 तक का और समय दिया था।
पाक ने दिखावे की कार्रवाई कीः अमेरिकी रिपोर्ट
अमेरिका के विदेश विभाग की ओर से आतंकवाद पर सालाना रिपोर्ट-2019 जारी की गई है। इसमें बताया गया कि पाकिस्तान ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीफ) के प्लान पर कुछ कदम तो बढ़ाए, लेकिन सभी वादों को पूरा नहीं किया। पाकिस्तान ने कुछ आतंकी समूहों के खिलाफ मामूली कार्रवाई की, इसमें लश्कर ए-तैयबा (एलईटी) का संस्थापक हाफिज सईद भी है। पाकिस्तान अभी भी क्षेत्रीय आतंकियों का अड्डा बना हुआ है।