कुलभूषण जाधव मामला:पाकिस्तान का दावा रिव्यू पिटीशन दायर करने से जाधव का इनकार
पाकिस्तान ने दिया दूसरे काउंसुलर एक्सेस का प्रस्ताव

- 29 मार्च 2016 को कुलभूषण को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था, अप्रैल 2017 में पाक की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई
- 21 जुलाई 2019 को आईसीजे ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी थी, पाकिस्तान को पुनर्विचार करने को कहा था
नई दिल्ली: पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान ने दावा किया है कि जाधव ने पुनर्विचार याचिका दायर करने से इनकार कर दिया है. पाकिस्तान ने कहा कि जाधव ने अपनी लंबित दया याचिका के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है.
पाकिस्तान के अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल अहमद इरफान ने बुधवार को दावा किया कि 17 जून, 2020 को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को उनकी सजा और सजा पर पुनर्विचार के लिए एक याचिका दायर करने के लिए आमंत्रित किया गया था. उन्होंने दावा किया कि अपने कानूनी अधिकार का प्रयोग करते हुए कुलभूषण जाधव ने सजा और सजा पर पुनर्विचार याचिका दायर करने से इनकार कर दिया.
पाकिस्तान का कहना है कि चूंकि जाधव ने खुद रिव्यू पिटीशन फाइल करने से इनकार कर दिया है, इसलिए भारत सरकार अपनी ओर से इसे दायर कर सकती है. इसके लिए उन्होंने भारतीय उच्चायोग को कई रिमाइंडर लिखे गए हैं. इसके साथ ही पाकिस्तान ने भारत को दूसरे कांसुलर एक्सेस का भी प्रस्ताव दिया है. वहीं पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के पिता को कुलभूषण से मिलने की अनुमति भी दी है.
जासूसी का आरोप
बता दें कि पाकिस्तान ने जाधव पर जासूसी का बेबुनियाद और झूठा आरोप लगाया है. वहां की एक सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई है. इस वक्त वे पाकिस्तान में बंद हैं. पाकिस्तान ने उन्हें अवैध तरीके से गिरफ्तार किया है. भारत जब इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत गया तो जुलाई 2019 में कोर्ट ने पाकिस्तान को कहा कि वो अदालत के फैसले पर प्रभावी रूप से पुनर्विचार करे और बिना देर किए भारत को कुलभूषण जाधव से मिलने दे.