भारत सरकार का बहुत बड़ा फैसला, भारत मे चीनी एप्प्स बैन
आईटी एक्ट 2000 के तहत किया बैन

- भारत में 59 चीनी एप्प्स बैन लगा
- भारत का चीनी एप पर सर्जिकल स्ट्राइक
- टिकटोक ,यूसी ब्राउज़र ,शेयर इट, वीगो वीडियो आदि पे बैन
नई दिल्ली: चीन के साथ सीमा पर जारी गतिरोध के बीच बड़ा फैसला किया गया है. भारत में 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगा दी गई है. जिन एप्स पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें टिकटॉक, पबजी, यूसी ब्राउजर, शेयर इट आदि एप्स हैं. इनके अलावा हैलो, लाइक, कैम स्कैनर, शीन क्वाई भी बैन कर दिया गया है. बायडू मैप, केवाई, डीयू बैटरी स्कैनर भी बैन हो गया है. बता दें कि सरकार ने इन चीनी एप्स पर आईटी एक्ट 2000 के तहत बैन लगाया है.
बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की सेना के साथ हाल में भी हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद से ही चीन और उसके प्रोडक्ट समेत सभी एप्स को लेकर भारत के लोगों में गुस्सा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आत्मनिर्भर भारत बनने की लोगों से अपील की थी.
हालांकि चीन के इन 59 एप्स पर प्रतिबंध का फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है जब कल दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की तीसरे दौर की बैठक लद्दाख के चुशूल में होने जा रही है. खास बात ये है कि ये मीटिंग इस बार भारत के बुलावे पर हो रही है. इससे पहले दोनों मीटिंग चीन के आमंत्रण पर आयोजित की गई थीं
रेलवे-बीएसएनएल ने भी चीनी कंपनियों के साथ करार रद्द किया था
रेलवे ने चीन की कंपनी से 471 करोड़ रुपए का करार रद्द कर दिया था। इसके साथ ही भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने 4जी संसाधनों को अपग्रेड करने के लिए चीन के प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल पर रोक लगाने का फैसला किया था। यह भी कहा जा रहा है कि भारत सरकार चीन से आयात किए जाने वाले कई प्रोडक्ट्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा सकती है। आने वाले दिनों में चीन के साथ हुए और भी करार रद्द किए जा सकते हैं।
महाराष्ट्र ने एमओयू रोका, बिहार ने टेंडर रद्द किया
इसी हफ्ते महाराष्ट्र सरकार ने चीनी कंपनी के साथ हुए 5 हजार 20 करोड़ के मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर रोक लगा दी थी। महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र से अपील की थी कि चीन के बहिष्कार से जुड़े अभियान के संदर्भ में वह अपनी नीतियां स्पष्ट करे। यह एमओयू चीन के हेंगली ग्रुप, ग्रेट वाल मोटर्स और पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशन के साथ किया गया था। बिहार सरकार ने रविवार को ऐलान किया कि पटना में बनाए जाने वाले पुल का टेंडर कैंसिल कर दिया था। राज्य के सड़क निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने इस बात की जानकारी दी थी।