भारत-चीन सीमा विवाद: लद्दाख में फिंगर एरिया से पूरी तरह पीछे हटने को तैयार नही चीन
भारत ने एलएसी पर अप्रैल-मई की स्थिति बहाल करने की मांग की

- सूत्रों के मुताबिक, चीन बाकी विवादित क्षेत्रों से पीछे हटने को तैयार है
- 15 जून को गलवान में झड़प के बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ गया था
नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा पर तनाव कम करने को लेकर दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत हो रही है. लेकिन चीन फिंगर एरिया से पूरी तरह हटने को राजी नहीं है.
भारत चाहता है कि अप्रैल महीने की आखिरी वाली स्थिति एलएसी पर बन जाए. इसके तहत एलएसी पर जो स्थिति अप्रैल महीने के आखिरी में थी, वही होनी चाहिए. ऐसे में चीन को फिंगर 8 से पीछे जाना चाहिए. लेकिन चीन इसके लिए पूरी तरह तैयार नहीं है. वो अपने कुछ सैनिक और कैंप फिंगर 8 से 5 के बीच रखना चाहता है.
15 घंटे तक चली कोर कमांडर लेवल की बातचीत
लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह सहित कोर कमांडर स्तर के अधिकारियों की बैठक करीब 15 घंटे तक चली। बैठक 14 जुलाई सुबह साढ़े 11 बजे शुरू हुई, जो कि देर रात 2 बजे समाप्त तक चली। सूत्रों के मुताबिक, दोनों देश अब सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया की निगरानी करेंगे। दोनों देश 21-22 जुलाई तक यहां होने वाले डेवलपमेंट की समीक्षा करेंगे।
शुक्रवार को रक्षामंत्री और आर्मी चीफ लेह जाएंगे
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे शुक्रवार को लेह जाएंगे। वहां पर वे पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा हालातों की समीक्षा करेंगे। इस दौरान रक्षा मंत्री सेना के बड़े अफसरों के साथ हाई लेवल मीटिंग भी कर सकते हैं।
15 जून के बाद भी चर्चाओं का दौर चला
भारत-चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच 3 बार मेजर जनरल स्तर बातचीत हुई। इसमें किस मुद्दे पर बात हुई, इसकी जानकारी सामने नहीं आ पाई।