समुद्र में केबल बिछाने में आत्मनिर्भर बना भारत,प्रधानमंत्री आज करेंगे उद्घाटन
BSNL ने चेन्नई-पोर्ट ब्लेयर के बीच बिछाई 2300 किमी केबल

नई दिल्ली। भारत समुद्र के भीतर आप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के मामले में भी आत्मनिर्भर हो गया। चेन्नई से लेकर पोर्ट ब्लेयर के बीच समुद्र के भीतर 2300 किलोमीटर केबल बिछाने का काम सरकारी कंपनी बीएसएनएल ने पूरा किया है।
इसके साथ ही अंडमान निकोबार और इसके आसपास के द्वीप वाले इलाके में सभी प्रकार की टेलीकॉम सेवा सुगम और तेज हो जाएगी। मोबाइल फोन में 4जी सेवा मिलने लगेंगी। इंटरनेट की स्पीड पहले के मुकाबले काफी तेज हो जाएगी।
चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर को जोड़ने वाली पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर केबल का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए होगा. इससे अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में मोबाइल और लैंडलाइन दूरसंचार सेवाएं बेहतर और भरोसेमंद होंगी. ये सेवाएं देश के अन्य भागों की तरह होगी.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी किए बयान के अनुसार, ‘पीएम मोदी अंडमान निकोबार द्वीप समूह को जोड़ने वाला ‘सबमैरीन केबल कनेक्टिविटी’ का 10 अगस्त को उद्घाटान करेंगे. इस परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री ने पोर्ट ब्लेयर में दिसंबर 2018 में रखी थी.’
दूरसंचार की सुविधा होगी मजबूत
सबमैरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल लिंक चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के बीच 2 x 200 गीगाबिट का बैंडविद्थ (जीबीपीएस) देगा. पोर्ट ब्लेयर और अन्य द्वीपों के बीच 2×100 जीबीपीएस देगा. इससे इन द्वीपों पर भरोसेमंद, मजबूत और हाई स्पीड के दूरसंचार और ब्रॉडबैंड सुविधा उपलब्ध होगी, जो ग्राहकों के साथ-साथ रणनीतिक और कामकाज के दष्टिकोण से उल्लेखनीय उपलब्धि होगी.
बेहतर दूरसंचार और ब्रॉडबैंड संपर्क सुविधा से अंडमान निकोबार द्वीप क्षेत्र में पर्यटन और रोजगार सृजन को गति मिलेगी. नतीजतन, इससे अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी और लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा. बेहतर कनेक्टिविटी से टेलीमेडिसिन और टेली-एजुकेशन को बढ़ावा मिलेगा.’ परियोजना का वित्त पोषण सरकार ने संचार मंत्रालय के तहत सार्वभौमिक सेवा बाध्यता कोष के जरिए किया हैं