राजस्थान के 4 से 9 शहरों के बीच दौड़ेगी फास्ट ट्रेन, सुविधा पर यह करना पड़ेगा खर्च
देश में रेलवे के निजीकरण को लेकर बहस चल रही है और दूसरी तरफ रेलवे ने निजी ट्रेनों को चलाने की पूरी तैयारी भी कर ली है

राजस्थान के 4 से 9 शहरों के बीच दौड़ेगी फास्ट ट्रेन, सुविधा पर यह करना पड़ेगा खर्च-
जयपुर. देश में रेलवे के निजीकरण (Privatization of railways) को लेकर बहस चल रही है और दूसरी तरफ रेलवे ने निजी ट्रेनों को चलाने की पूरी तैयारी भी कर ली है. पहले मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर पश्चिम रेलवे (NWR) जोन में 20 ट्रेनें चलाया जाना प्रस्तावित था. लेकिन अब इसके अलग-अलग जोन से कितनी-कितनी ट्रेनें चलेंगी इसकी भी संभावित सूची सामने आ गई है. प्रदेश में 4 से 9 शहरों के बीच ट्रेनें चलाई जाएंगी.
224 निजी ट्रेनों के संचालन को मंजूरी
रेल मंत्रालय ने हाल ही में देशभर में अलग अलग रूट्स पर 224 निजी ट्रेनों के संचालन को मंजूरी दे दी है. इसमें ट्रेनों को जोनवार बांटा गया है. इन जोन को कलस्टर का नाम दिया गया है. NWR में 10 जोड़ी ट्रेनों यानी 20 ट्रेन के संभावित संचालन का मसौदा तैयार किया गया है. ये राज्य के 4 से 9 शहरों के बीच रेलें चलाई जाएंगी. जयपुर से मुंबई, दिल्ली, जैसलमेर और वैष्णो देवी के लिए निजी ट्रेन संचालित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है.
राजस्थान के इन शहरों के बीच दौड़ेगी ट्रेन
इन रूट्स पर निजी कंपनियों को रिक्वेस्ट फॉर कोट (आरएफक्यू) जारी किया गया है. भुगतान के बाद निजी कंपनियां अपना मुनाफा कमा पाएंगी. किराए से लेकर स्टॉपेज तक सब कुछ निजी हाथ में होगा. जयपुर से मुंबई के लिए सप्ताह में तीन दिन, बैंगलुरू के लिए रविवार को, जैसलमेर के लिए शुक्रवार को और वैष्णो देवी के लिए रोजाना ट्रेन चलेगी.
किराया निर्धारित से लेकर स्टॉपेज तक का अधिकार दिया
निजी कंपनियों को इन्वेस्टमेंट के बाद फायदा पहुंचे इसके लिए रेलवे ने किराया निर्धारण से लेकर स्टॉपेज तक का अधिकार उसे दिया है. निजी ट्रेनों का किराया हालांकि हवाई किराए से तो कम होगा, लेकिन सामान्य ट्रेनों से करीब 20 फीसदी ज्यादा रहने की संभावना है. लेकिन आखिरी फैसला निजी कंपनियों का होगा. हाइजेनिक कैटरिंग सर्विस और ऑन डिमांड फूड जैसे मदों में निजी कंपनियां अलग से चार्ज वसूल करेगी.