चीन से तनातनी के बीच रक्षा मंत्रालय का फैसला, रूस से 33 फाइटर जेट और मिसाइलों को खरीदने की मंजूरी दी
रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि सशस्त्र सेनाओं को मजबूती प्रदान करने के लिए राजनाथ सिंह के नेतृत्व में रक्षा खरीद प्रक्रिया की बैठक हुई. बैठक में हथियारों की खरीद को मंजूरी दे दी गई.

- देश में मौजूदा 59 मिग 29 को अपग्रेड भी किया जाएगा
- 38, 900 करोड़ रुपए की डिफेंस खरीदारी को मंजूरी मिली
- चीन के खिलाफ भारत की जबर्दस्त हवाई तैयारी
नई दिल्ली: सीमा पर चीन से चल रही तनातनी के बीच रक्षा मंत्रालय ने आज तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) रूस से 33 फाइटर जेट खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 18 हजार 148 करोड़ रुपए के इस प्रपोजल के तहत रूस से 12 सुखोई-30एमकेआई और 21 मिग-29 खरीदे जाएंगे। इसके अलावा देश में मौजूदा 59 मिग-29 को अपग्रेड भी किया जाएगा। साथ ही बड़ी मात्रा में स्वदेशी मिसाइलों को खरीदने की मंजूरी दे दी. इन मिसाइलों में पिनाका, अस्त्रा और क्रूज मिसाइल शामिल है.
नेवी-एयरफोर्स को मिलेगी एयर टू एयर मिसाइल अस्त्र
रक्षा मंत्रालय ने नेवी और एयरफोर्स के लिए 248 अस्त्र एयर टू एयर मिसाइल खरीदने को भी मंजूरी दे दी है। इसके अलावा डीआरडीओ को एक हजार किलोमीटर तक मार करने वाली क्रूज मिसाइल डेवलप करने को भी मंजूरी दे दी है।
रक्षा मंत्रालय ने डिफेंस के लिए 38 हजार 900 करोड़ रुपए की खरीदारी के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इनमें से 31 हजार 130 करोड़ रुपए की खरीदारी इंडियन इंडस्ट्री से की जाएगी। इसके तहत पिनाका रॉकेट लॉन्चर के एम्युनिशन और बीएमपी कॉम्बैट व्हीकल को अपग्रेड करने की भी मंजूरी दी है। इसके अलावा आर्मी के लिए रेडियो के सॉफ्टवेयर भी खरीदे जाएंगे
अब वक्त आ गया है कि चीन आंखे खोले और देखे कि किससे दुश्मनी ले ली है उसने. शांति का विश्वदूत भारत अब शक्ति का विश्वरूप बन रहा है और दुनिया देखेगी कि भारत की शांति का श्वेत ध्वज कितनी घनघोर रक्त वर्षा करेगा एक दानव देश पर और यह एक अभूतपूर्व व अनपेक्षित मन्जर होगा जो दुनिया ने पहले कभी न देखा होगा.