भारतीय कप्तान विराट कोहली के खिलाफ भी कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट की शिकायत दर्ज, जांच करेंगे BCCI एथिक्स अधिकारी
बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डीके जैन ने रविवार को कहा कि वह भारतीय कप्तान विराट कोहली के खिलाफ मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता द्वारा दायर हितों के टकराव की शिकायत की जांच करेंगे.

- बीसीसीआई के एथिक्स ऑफिसर डीके जैन को पत्र लिखकर कोहली के खिलाफ शिकायत की गई थी
- बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा- कुछ लोग विराट कोहली को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं
मुंबई. भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली और उनकी कंपनी के खिलाफ लगातार हो रही शिकायतों को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने साजिश बताया है। हाल ही में मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) के लाइफ टाइम मेम्बर संजीव गुप्ता ने बीसीसीआई के एथिक्स ऑफिसर डीके जैन को पत्र लिखकर कोहली के खिलाफ शिकायत की थी। संजीव ने कहा था कि कोहली की कंपनी ने लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों का उल्लंघन किया है।
गुप्ता ने अपनी नवीनतम शिकायत में आरोप लगाया है कि कोहली एक साथ दो पदों पर काबिज हैं. वह भारतीय टीम के कप्तान और एक ऐसे प्रतिभा प्रबंधन कंपनी के सह-निदेशक हैं, जो टीम के कई खिलाड़ियों के प्रबंधन का काम देखती है. गुप्ता ने आरोप लगाया है कि यह बीसीसीआई के संविधान का उल्लंघन है, जो एक व्यक्ति को कई पदों पर रहने से रोकता है.
जैन से पीटीआई से कहा, ‘मुझे एक शिकायत मिली है. मैं इसकी जांच करूंगा और फिर देखूंगा कि कोई मामला बनता है या नहीं. अगर मामला बनता है तो मुझे जवाब देने के लिए उन्हें (कोहली) एक मौका देना होगा.’
गुप्ता ने दावा किया कि कोहली कॉर्नरस्टोन वेंचर पार्टनर्स एलएलपी और विराट कोहली स्पोर्ट्स एलएलपी में निदेशक हैं. इस कंपनी में अमित अरुण सजदेह (बंटी सजदेह) और बिनॉय भरत खिमजी भी सह-निदेशक हैं. ये दोनों कॉर्नरस्टोनस्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड का हिस्सा हैं. कॉर्नरस्टोन स्पोर्ट एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड में कोहली की भूमिका नहीं है.
यह कंपनी भारतीय कप्तान के अलावा केएल राहुल, ऋषभ पंत, रवींद्र जडेजा, उमेश यादव और कुलदीप यादव सहित कई अन्य खिलाड़ियों के व्यावसायिक हितों का प्रबंधन करती है. गुप्ता ने अपनी शिकायत में लिखा, ‘उपरोक्त के मद्देनजर, विराट कोहली का एक समय में पद संभालना भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुमोदित बीसीसीआई नियम 38 (4) का उल्लंघन है. उन्हें इसका अनुपालन करते हुए अपने एक पद को त्यागना होगा.’